आरक्षण (Reservation)
दुनियाँ चाँद पे जा रही मंगल पे जीवन खोज रही कल, आज से बेहतर हो इसी जुगत में लगी हुई हम भी तो हैं दौड़ रहे फिर मन मेरा क्यूँ खिन्न है एक दूसरे को पछाड़ रहे फिर मन मेरा क्यूँ खिन्न है क्यूं हम से वो बेहतर है हम विकासशील वो विकसित हैं दौड़ वो भी रहे दौड़ हम भी रहें पर वो शायद आगे की तरफ़ और हम शायद पीछे की तरफ़... आरक्षण....